Sunday, September 8, 2013

हम मुज़फ्फरनगर वाले हैं

पिछले कुछ दिनों से मन बहुत विचलित हैं . बार बार माँ के घर फ़ोन करके पूछती हूँ कि सब ठीक से हो न , कोई भी सरवट या पचेंडा की तरफ मत जाना , बच्चोको घर के अंदर रखना , बार बार अपना मुज़फ्फर पेज ओपन करती हूँ बार बार वहां पर लोगो के कमेंट पढ़ती हूँ .. बस सब ठीक हो यह प्रार्थना भी करती हूँ .
वैसे कोई पहलीबार मुज़फ्फरनगर इस तरह दंगो की चपेट मैं नहीआया हैं , यहाँ पर लोग बहुत ही असहिष्णु हैं , जरा जरा सी बात पर मार - काट की किस्से यहाँ के लोकल अखबारों मैं अक्सर पढने को मिलते हैं . पैस से बहुत ही अमीर परन्तु जल्दी ही गुस्से में आजाने वाले यहाँ के मूल निवासी जब दोस्ती करते हैं तो भी ज़मकर और जब खुंदक में आ जाते हैं तो भी न आव देखते हैं न ताव, तब कितना नुकसान हुआ उसको देखकर बाद मैं पश्चाताप भी बहुत करते हैं . आपसी सौहर्दय से भी रहते हैं यहाँ बहुत सारे लोग . ईद पर और दीवाली पर अक्सर यह सौहर्दय देखने को मिलता नगर क्षेत्र मैं ... जिस बात को लेकर यह दंगा हुआ छोटी बात तो नही थी अपनी बहन को छेड़ने पर भाई का सामने आना लाजमी था .हाँ उसके बाद जो कतल-इ- आम हुआ वोह गलत हुआ ..और उस आग में हिन्दू और मुसलमान दोनों सम्प्रदायों के नेताओ ने जो रोटिया सेंकी हैं उस'से उन्हें फायदा होगा या नही समय बताएगा परन्तु आज न जाने कितने घर उजाड़ गये . पंचायत मैं गये लोगो पर जब घात लगाकर हमला बोला गया तो ना जाने कितने बूढ़े जवान गायब हो गये नदी में कूद कर जान बचानी पढ़ी कुछ लोगो को ... नेट पर खबरे पढ़कर जब माँ को सुनाई तो माँ बोली ऐरे ऐसा तो जब पकिस्तान बना था तब हुआ था इस तरह घात लगाकर हमला . अफवाहों का बाजार इस वक़्त बहुत गरम हैं पता नही कितना सच हैं कितना झूठ , एक बाजार में मुस्लिम की दुकाने जला दी गयी उनके बच्चे भी उसी दुकान की कमाई से जिन्द्दगी के सपने बन रहे थे , बात परवरिश की हुयी बात माहौल की हुई जरा सा संयम देखाने से आज घरो में सिसिकिया और आशंकाए न गूंज रही होती .आज हर मं
दिर मस्जिद में अपनी अपनी कौम की मीटिंग्स हो रही हैं सेना गश्त लगा रही हैं ..........कभी कभी तो मैं सोचती हूँ यह सेना बनी किस लिय थी बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिय या यह घर के लोगो को आपस में लड़ने पर बिच बचाव करने के लिय .जरा सा कुछ होता नही कि सेना को बुला लो ऐरे जब सेना ही सब काम करेगी तो यह पुलिस या नेताओ और प्रशासनिक अधिकारियों की जरुरत ही क्या हैं नए कप्तान जो यहाँ के लोग का मिजाज नही जानते क्या सम्हाल पाएंगे ?

मेरी प्रार्थना हैं उन सब पिताओं से जिनके बच्चे भी उनके साथ आज असलहे लेकर घूम रहे हैं देखना आज नही तो कल इस असलहे तुम्हारे ही किसी अपने का खून भी बह सकता हैं .....जो पराये को मारने में जरा नही पसीजता वोह एक दिन अपने पर भी दया नही खायेगा वक़्त संयम का हैं अपने धर्म और कौम की इज्ज़त करे परन्तु हाँ और न के बीच एक पारदर्शी दीवार होती हैं इसलिय एक बार सोचे

दिल दुःख रहा हैं देखकर , बताकर . के हम मुज़फ्फरनगर वाले हैं ...... कल ऐसा न हो कि हम कहे किसी को कि हम मुज़फ्फरनगर वाले हैं तो लोग कहे ऐरे वही न "जहा न हिन्दू किसी का न मुसलमान किसी का
अरे बचा नही वहाँ तो अब ईमान किसी का "

Neelima sharrma
सब कुछ जल्दी सामान्य हो की प्रार्थना के साथ
 —

श्रीगणेश नाम स्मरण


गणेश चतुर्थी की सभी मित्रो को हार्दिक शुभकामनाये 
 सर्वप्रथम पूजनीय गणेश महाराज जी स्मरण नित्य किया जाना चाहिए  उसके पश्चात  उनके लिय विभिन्न मंत्रो का जाप करना चाहिए 

 चमत्कारी  श्रीगणेश नाम स्मरण 
प्रणम्यं शिरसां देवं गौरीपुत्र विनायकम्।

भक्तावासं स्मरेन्नित्मायु: कामार्थसिद्धये।।

प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदतं द्वितीयकंम्।

तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।।

लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च।

सप्तमं विघ्नराजं च धूम्रवर्णं तथाष्टमम्।।

नवमं भालचद्रं च दशमं तु विनायकम।

एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननमं।।

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यं पठेन्नर:।

न च विघ्रभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो।।

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनं।

पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम।।

जपेद्गणपतिस्तोत्रम षड्भिर्मासै: फलं लभेत।

संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय:।।

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्य लिखित्वा य: समर्पयेत। तस्य विद्याभवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।
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(गणेश भगवन के १०८ नाम )
1, ॐ श्री विघ्नेशाय नम: 
2, ॐ श्री विश्व्वरदाय नम: 
3, ॐ श्री विश्वचक्षुषे नम: 
4, ॐ श्री जगत्प्रभवे नम: 
5, ॐ श्री हिरण्यरुपाय नम: 
6, ॐ श्री सर्वात्मने नम: 
7, ॐ श्री ज्ञानरूपाय नम: 
8, ॐ श्री जगन्मयाय नम: 
9, ॐ श्री ऊर्ध्वरेतसे नम: 
10, ॐ श्री महाबाहवे नम: 
11, ॐ श्री अमेयाय नम: 
12, ॐ श्री अमितविक्रमाय नम: 
13, ॐ श्री वेदवेद्याय नम 
14, ॐ श्री महाकालाय नम: 
15, ॐ श्री विद्यानिद्यये नम: 
16, ॐ श्री अनामयाय नम: 
17, ॐ श्री सर्वज्ञाय नम: 
18, ॐ श्री सर्वगाय नम: 
19, ॐ श्री गजास्याय नम: 
20, ॐ श्री चित्तेश्वराय नम: 
21, ॐ श्री विगतज्वराय नम: 
22, ॐ श्री विश्वमूर्तये नम: 
23, ॐ श्री अमेयात्मने नम: 
24, ॐ श्री विश्वाधाराय नम: 
25, ॐ श्री सनातनाय नम: 
26, ॐ श्री सामगाय नम: 
27, ॐ श्री प्रियाय नम: 
28, ॐ श्री मंत्रिणे नम: 
29, ॐ श्री सत्वाधाराय नम: 
30, ॐ श्री सुराधीशाय नम: 
31, ॐ श्री समस्तसाक्षिणे नम: 
32, ॐ श्री निर्द्वेद्वाय नम: 
33, ॐ श्री निर्लोकाय नम: 
34, ॐ श्री अमोघविक्रमाय नम: 
35, ॐ श्री निर्मलाय नम: 
36, ॐ श्री पुण्याय नम: 
37, ॐ श्री कामदाय नम: 
38, ॐ श्री कांतिदाय नम: 
39, ॐ श्री कामरूपिणे नम: 
40, ॐ श्री कामपोषिणे नम: 
41, ॐ श्री कमलाक्षाय नम: 
42, ॐ श्री गजाननाय नम: 
43, ॐ श्री सुमुखाय नम: 
44, ॐ श्री शर्मदाय नम: 
45, ॐ श्री मुषकाधिपवाहनाय नम: 
46, ॐ श्री शुद्धाय नम: 
47, ॐ श्री दीर्घतुंडाय नम: 
48, ॐ श्री श्रीपतये नम: 
49, ॐ श्री अनंताय नम: 
50, ॐ श्री मोहवर्जिताय नम: 
51, ॐ श्री वक्रतुंडाय नम: 
52, ॐ श्री शूर्पकर्णाय नम: 
53, ॐ श्री परमाय नम: 
54, ॐ श्री योगीशाय नम: 
55, ॐ श्री योगधाम्रे नम: 
56, ॐ श्री उमासुताय नम: 
57, ॐ श्री आपद्धंत्रे नम: 
58, ॐ श्री एकदंताय नम: 
59, ॐ श्री महाग्रीवाय नम: 
60, ॐ श्री शरण्याय नम: 
61, ॐ श्री सिद्धसेनाय नम: 
62, ॐ श्री सिद्धवेदाय नम: 
63, ॐ श्री करुणाय नम: 
64, ॐ श्री सिद्धाय नम: 
65, ॐ श्री भगवते नम: 
66, ॐ श्री अव्यग्राय नम: 
67, ॐ श्री विकटाय नम: 
68, ॐ श्री कपिलाय नम: 
69, ॐ श्री ढुंढिराजाय नम: 
70, ॐ श्री उग्राय नम: 
71, ॐ श्री भीमोदराय नम: 
72, ॐ श्री शुभाय नम: 
73, ॐ श्री गणाध्यक्षाय नम: 
74, ॐ श्री गणेशाय नम: 
75, ॐ श्री गणाराध्याय नम: 
76, ॐ श्री गणनायकाय नम: 
77, ॐ श्री ज्योति:स्वरूपाय नम: 
78, ॐ श्री भूतात्मने नम: 
79, ॐ श्री धूम्रकेतवे नम: 
80, ॐ श्री अनुकूलाय नम: 
81, ॐ श्री कुमारगुरवे नम: 
82, ॐ श्री आनंदाय नम: 
83, ॐ श्री हेरंबाय नम: 
84, ॐ श्री वेदस्तुताय नम: 
85, ॐ श्री नागयज्ञोपवीतिने नम: 
86, ॐ श्री दुर्धषाय नम: 
87, ॐ श्री बालदुर्वांकुरप्रियाय नम: 
88, ॐ श्री भालचंद्राय नम: 
89, ॐ श्री विश्वधात्रे नम: 
90, ॐ श्री शिवपुत्राय नम: 
91, ॐ श्री विनायकाय नम: 
92, ॐ श्री लीलासेविताय नम: 
93, ॐ श्री पूर्णाय नम: 
94, ॐ श्री परमसुंदराय नम: 
95, ॐ श्री विघ्नांधकाराय नम: 
96, ॐ श्री सिंधुरवरदाय नम: 
97, ॐ श्री नित्याय नम: 
98, ॐ श्री विभवे नम: 
99, ॐ श्री प्रथमपूजिताय नम: 
100, ॐ श्री दिव्यपादाब्जाय नम: 
101, ॐ श्री भक्तमंदाराय नम: 
102, ॐ श्री शूरमहाय नम: 
103, ॐ श्री रत्नसिंहासनाय नम: 
104, ॐ श्री मणिकुंड़लमंड़िताय नम: 
105, ॐ श्री भक्तकल्याणाय नम: 
106, ॐ श्री कल्याणगुरवे नम: 
107, ॐ श्री सहस्त्रशीर्ष्णे नम: 
108, ॐ श्री महागणपतये नम: