Thursday, December 28, 2017

निरुत्तर

आज एक पंजाबी मूवी देख रही थी ( सरदार मोहम्मद) जिसमें नायक को २५ बरस की उम्र में मालूम होता हैं कि वो वर्तमान माँ पिता की असल संतान नही हैं किसी और की संतान हैं और उसका पालन पोषण इस घर में अपना बच्चा बना कर अच्छी तरह किया गया हैं ..ना चाहकर भी उसका मन टूट जाता हैं और उसका मन अपने असल माता से मिलने को आतुर हो उठता हैं
भावुक पल थे उस मूवी में तो मैंने यूँ ही अचानक अपने छोटे बेटे स्नेहिल को कहा ........अगर कभी तुमको यह कहे कोई कि तुम इनकी संतान नही adopted हो तो तुम्हारा क्या रिएक्शन होगा
स्नेहिल झट से बोला .मम्मी मेरी सूरत भैया से बहुत मिलती हैं और भैया एकदम पापा जैसा हैं .आप अपना सोचो कहीं कोई यह ना कह दे कि आप ही सौतेली मम्मी तो नहीं हो ..................
सोचो तो तब मेरी सूरत देखने लायक रही होगी .......
यह बच्चे भी ना आजकल माता पिता को
निरुत्तर कर देते हैं
वैसे गलत शुरुवात मैंने ही की थी