बच्चे तो होते ही शैतान हैं उस पर उनकी तार्किक क्षमता बहुत तेज । हुआ यूं कि गर्मी की छुट्टियां थी और मेरी बड़ी बहन का बेटा नीरज होस्टल से देहरादून आया था ,मेरे बेटे तब छोटे ही थे स्वप्निल 9 साल का स्नेहिल 5 साल का मैं जब भी कुछ खाने के लिए बनाती तो ज्यादा हिस्सा नीरज को देती और बाकि बचा हुआ हिस्सा स्वप्निल और स्नेहिल में बाँट देती । स्वप्निल गंभीर स्वभाव का सो उसको माँ के हर काम पर विश्वास रहता था तर्क- वितर्क उसकी आदत नही परन्तु छोटू स्नेहिल जी 3-4 दिन तो चुप चाप रहे परन्तु जैसे ही मैंने एक शाम मैंगो शेक बनाया और नीरज को बड़े गिलास में और स्वप्निल स्नेहिल को छोटे गिलास में दिया तो स्नेहिल झट से बोल पड़ा " आप माँ हमारी हो और दूसरो के बच्चो को जिनकी आप माँ-सी हो बड़े गिलास में शेक देती हो जाओ मुझे नही पीना " उसकी यह बात सुनते ही सबने बहुत जोर से ठहाका लगाया क्युकी आम उसकी कमजोरी थे और आज भी हैं
आज भी जब उसके सामने इस बात को सब दोहराते हैं तो हंस कर कहता हैं और क्या अपने बच्चे को पहले देना चाहिए था न माँ को और सबको बराबर देना चाहिए था :D
11 comments:
bachche to bachche hote hain.......
sahi kaha aapne .:) Shukriya mukesh sinha jee
Har maa apne bacho ko dusre bacho ke saamne kam hi deti hai, Q ki unko mehman samjkar jaaday khilati hai par baad mai woh jaane ke baad loot lua.
सही कहा स्नेहिल ने .... हम ईमानदारी से जिस संस्कार को परोसते हैं,वे बच्चे समझते नहीं और कई बार तो दूसरी जगह भी यह फर्क होता है तो अपना बच्चा दोनों तरफ से गया .... मैंने देखा है . स्नेहिल ऐसे ही रहना और स्वप्निल .... तुम बोलो, नहीं तो कई घाटे होंगे :)
Thank u Ashwini
Shukriyaa Rashmi ji ...Snehil kah raha hain thank u auntie mera paksh samajhne ke liy :)
Shukriyaa Rashmi ji ...Snehil kah raha hain thank u auntie mera paksh samajhne ke liy :)
shukriya shastri jee
सच कहा आपने...!!!!
इनसे प्यारा कोई नहीं ...हमें हंसी इन बच्चो से लेनी चाहिए !
शुभकामनायें आपको !
SHUKRIYAA MANOHAR JI
SATISH JI
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