जितनी बाते तुमसे लिख कर करती हूँ उतनी कभी सामने खड़ी होकर नही कर पाती हूँ आपने इतने कड़े अनुशासन से हम सबको पाल पोस कर बड़ा किया की आज भी हम जब कोई काम करने लगते हैं तो एक ख्याल जहन में उभर आता हैं की आपको बुरा तो नही लगेगा फिर याद karte kei उफ़ अब हम अपने घर में हैं आपका हमें डांटना कि बिना दुपट्टे के घर से बाहर नही जाना , कॉलेज से सीधे घर आना , पैसे का हिसाब रखा करो जब आज याद आता हैं तो ना जाने कितनी बाते कभी मुसकराहट लेकर मेरे जहन में उभर आती है तो कभी आंसुओ की झड़ी लग जाती हैं
पापा आज आप उम्र के आखिरी पड़ाव पर हो ८२ साल की उम्र में आप बहुत एक्टिव हो , पर उम्र के साथ साथ आप जिद्दी बहुत हो गये हो आप नही जानते अब आपकी जिद के मायने बदल गये हैं आप घर सिर्फ आपका नही .नयी generations
भी हैं जिन्हें अपनी शर्तो पर जीना आता हैं आप अब थोडा सा अपना अफसरी रुआब छोड़ कर एक दादू नानू की तरह जियो न आप हमारे बच्चो से इतना प्यार करते हो परतु हमारे लिय उतना प्यार क्यों नही प्रदर्शित करते हो शायद आप उस पीढ़ी से हो जहाँ पिता अपनी संतान से अपने मत पिता के सामने प्यार का प्रदर्शन नही करते थे और आपने इस बात को कही गहरे तक आत्म सात कर लिया और मन में ढेर सारा प्यार होते हुए भी उसे लफ्जों में बयां कर पाना आपके लिय नामुमकिन हो जाता हैं ...
भी हैं जिन्हें अपनी शर्तो पर जीना आता हैं आप अब थोडा सा अपना अफसरी रुआब छोड़ कर एक दादू नानू की तरह जियो न आप हमारे बच्चो से इतना प्यार करते हो परतु हमारे लिय उतना प्यार क्यों नही प्रदर्शित करते हो शायद आप उस पीढ़ी से हो जहाँ पिता अपनी संतान से अपने मत पिता के सामने प्यार का प्रदर्शन नही करते थे और आपने इस बात को कही गहरे तक आत्म सात कर लिया और मन में ढेर सारा प्यार होते हुए भी उसे लफ्जों में बयां कर पाना आपके लिय नामुमकिन हो जाता हैं ...
जानती हूँ पिछली बार जब मेरी तबियत ख़राब हुयी थी तो आप कितना घबरा गये थे आपका बस एक ही वाक्य था तुम ठीक तो हो न .तुम्हारी माँ को भेजू क्या तुम्हारे पास . ... . बस आपका इतना कह देना ही मेरे लिय काफी हो गया था
आज जब अपने बच्चो को पापा के साथ मस्ती करते देखती हूँ सब छोटी बड़ी बाते शेयर करते देखती हूँ तो कभी कभी मन उदास हो जाता हैं तब यह मुझे समझाते हैं की तुम्हारे पापा ने आज तुम सबको -भाई बहनों को जो दिया उसकी कदर करो जो नही दे पाये उसका मलाल नही . हर पिता अपनी संतान के लिय सर्वश्रेष्ट करता हैं आज हम भी parents हैं हम अपनी तरफ से बेस्ट karte हैं क्या पता कल हमारे बच्चे भी हमें कहे कि आपने यह नही किया था यह क्यों किया था . उनके दिल को पढो .जरुरी नही हर कोई अपने प्यार को स्नेह को लफ्जों में कह पाए उनकी भावनाए बहुत अच्छी रही हैं
अब वक़्त नही मिलता की पहले की तरह आपके आस पास रहे आपको छोटे छोटे फुल्के बनाकर खिलाये फिर भी जब जब घर में बेसन की सब्जी बनती हैं या पकोड़े बनते हैं आपकी याद आती हैं
जानती हु आज आप बेटे बहुओ पोते पोतियों से घिरे हुए होगे और सब बारी बारी से भापा जी हैप्पी फादर डे कह रहे होंगे बस आप महसूस कर लेना एक आवाज़ मेरी भी है ..........
13 comments:
shradhey... naman :)
हमारी भी शुभकामनाएं ....
अनु
bahut badhiya nilima ji , kya kahun
पिता की वो डाँट और सख्ती हमारे भले के लिए ही थी। उनकी हर एक सिखावन जब हमें अपनी मंजिल की ओर बढ़ने में मदद करती है, तब हमें मालूम पड़ता है कि पिता हमारे लिए कितने खास थे और हैं। प्यार का दूसरा नाम है पापा
वाशिंगटन के सोनोरा स्मार्ट डोड* एक बेटी के द्वारा शुरू हुई फादर्स डे*
बेटियाँ ही पापा के करीब होती हैं
ब्लॉग बुलेटिन की फदर्स डे स्पेशल बुलेटिन कहीं पापा को कहना न पड़े,"मैं हार गया" - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
पितृ दिवस को समर्पित बेहतरीन व सुन्दर रचना...
शुभकामनायें...
यथार्थ के दर्शन कराती और बेटी के मन की कसक को बयान करती बहुत ही सच्ची और अच्छी प्रस्तुति ! मन को छू गयी आपकी पोस्ट !
सुन्दर रचना।। बाप बेटी का रिश्ता तो, होता ही कुछ अलग है।
क्या आपको भी आते हैं इस तरह के ईनामी एसएमएस!!
नया चिठ्ठा :- Knowledgeable-World
Hello. And Bye.
सुन्दर रचना।
बहुत खूब . बहुत सुंदर प्रस्तुति.
thank you so much frds
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