गणेश चतुर्थी की सभी मित्रो को हार्दिक शुभकामनाये
सर्वप्रथम पूजनीय गणेश महाराज जी स्मरण नित्य किया जाना चाहिए उसके पश्चात उनके लिय विभिन्न मंत्रो का जाप करना चाहिए
चमत्कारी श्रीगणेश नाम स्मरण
प्रणम्यं शिरसां देवं गौरीपुत्र विनायकम्।
भक्तावासं स्मरेन्नित्मायु: कामार्थसिद्धये।।
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदतं द्वितीयकंम्।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।।
लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजं च धूम्रवर्णं तथाष्टमम्।।
नवमं भालचद्रं च दशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननमं।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यं पठेन्नर:।
न च विघ्रभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो।।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनं।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम।।
जपेद्गणपतिस्तोत्रम षड्भिर्मासै: फलं लभेत।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय:।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्य लिखित्वा य: समर्पयेत। तस्य विद्याभवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।
भक्तावासं स्मरेन्नित्मायु: कामार्थसिद्धये।।
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदतं द्वितीयकंम्।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।।
लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजं च धूम्रवर्णं तथाष्टमम्।।
नवमं भालचद्रं च दशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननमं।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यं पठेन्नर:।
न च विघ्रभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो।।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनं।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम।।
जपेद्गणपतिस्तोत्रम षड्भिर्मासै: फलं लभेत।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय:।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्य लिखित्वा य: समर्पयेत। तस्य विद्याभवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।
~~~~
(गणेश भगवन के १०८ नाम )
1, ॐ श्री विघ्नेशाय नम:
2, ॐ श्री विश्व्वरदाय नम:
3, ॐ श्री विश्वचक्षुषे नम:
4, ॐ श्री जगत्प्रभवे नम:
5, ॐ श्री हिरण्यरुपाय नम:
6, ॐ श्री सर्वात्मने नम:
7, ॐ श्री ज्ञानरूपाय नम:
8, ॐ श्री जगन्मयाय नम:
9, ॐ श्री ऊर्ध्वरेतसे नम:
10, ॐ श्री महाबाहवे नम:
11, ॐ श्री अमेयाय नम:
12, ॐ श्री अमितविक्रमाय नम:
13, ॐ श्री वेदवेद्याय नम
14, ॐ श्री महाकालाय नम:
15, ॐ श्री विद्यानिद्यये नम:
16, ॐ श्री अनामयाय नम:
17, ॐ श्री सर्वज्ञाय नम:
18, ॐ श्री सर्वगाय नम:
19, ॐ श्री गजास्याय नम:
20, ॐ श्री चित्तेश्वराय नम:
21, ॐ श्री विगतज्वराय नम:
22, ॐ श्री विश्वमूर्तये नम:
23, ॐ श्री अमेयात्मने नम:
24, ॐ श्री विश्वाधाराय नम:
25, ॐ श्री सनातनाय नम:
26, ॐ श्री सामगाय नम:
27, ॐ श्री प्रियाय नम:
28, ॐ श्री मंत्रिणे नम:
29, ॐ श्री सत्वाधाराय नम:
30, ॐ श्री सुराधीशाय नम:
31, ॐ श्री समस्तसाक्षिणे नम:
32, ॐ श्री निर्द्वेद्वाय नम:
33, ॐ श्री निर्लोकाय नम:
34, ॐ श्री अमोघविक्रमाय नम:
35, ॐ श्री निर्मलाय नम:
36, ॐ श्री पुण्याय नम:
37, ॐ श्री कामदाय नम:
38, ॐ श्री कांतिदाय नम:
39, ॐ श्री कामरूपिणे नम:
40, ॐ श्री कामपोषिणे नम:
41, ॐ श्री कमलाक्षाय नम:
42, ॐ श्री गजाननाय नम:
43, ॐ श्री सुमुखाय नम:
44, ॐ श्री शर्मदाय नम:
45, ॐ श्री मुषकाधिपवाहनाय नम:
46, ॐ श्री शुद्धाय नम:
47, ॐ श्री दीर्घतुंडाय नम:
48, ॐ श्री श्रीपतये नम:
49, ॐ श्री अनंताय नम:
50, ॐ श्री मोहवर्जिताय नम:
51, ॐ श्री वक्रतुंडाय नम:
52, ॐ श्री शूर्पकर्णाय नम:
53, ॐ श्री परमाय नम:
54, ॐ श्री योगीशाय नम:
55, ॐ श्री योगधाम्रे नम:
56, ॐ श्री उमासुताय नम:
57, ॐ श्री आपद्धंत्रे नम:
58, ॐ श्री एकदंताय नम:
59, ॐ श्री महाग्रीवाय नम:
60, ॐ श्री शरण्याय नम:
61, ॐ श्री सिद्धसेनाय नम:
62, ॐ श्री सिद्धवेदाय नम:
63, ॐ श्री करुणाय नम:
64, ॐ श्री सिद्धाय नम:
65, ॐ श्री भगवते नम:
66, ॐ श्री अव्यग्राय नम:
67, ॐ श्री विकटाय नम:
68, ॐ श्री कपिलाय नम:
69, ॐ श्री ढुंढिराजाय नम:
70, ॐ श्री उग्राय नम:
71, ॐ श्री भीमोदराय नम:
72, ॐ श्री शुभाय नम:
73, ॐ श्री गणाध्यक्षाय नम:
74, ॐ श्री गणेशाय नम:
75, ॐ श्री गणाराध्याय नम:
76, ॐ श्री गणनायकाय नम:
77, ॐ श्री ज्योति:स्वरूपाय नम:
78, ॐ श्री भूतात्मने नम:
79, ॐ श्री धूम्रकेतवे नम:
80, ॐ श्री अनुकूलाय नम:
81, ॐ श्री कुमारगुरवे नम:
82, ॐ श्री आनंदाय नम:
83, ॐ श्री हेरंबाय नम:
84, ॐ श्री वेदस्तुताय नम:
85, ॐ श्री नागयज्ञोपवीतिने नम:
86, ॐ श्री दुर्धषाय नम:
87, ॐ श्री बालदुर्वांकुरप्रियाय नम:
88, ॐ श्री भालचंद्राय नम:
89, ॐ श्री विश्वधात्रे नम:
90, ॐ श्री शिवपुत्राय नम:
91, ॐ श्री विनायकाय नम:
92, ॐ श्री लीलासेविताय नम:
93, ॐ श्री पूर्णाय नम:
94, ॐ श्री परमसुंदराय नम:
95, ॐ श्री विघ्नांधकाराय नम:
96, ॐ श्री सिंधुरवरदाय नम:
97, ॐ श्री नित्याय नम:
98, ॐ श्री विभवे नम:
99, ॐ श्री प्रथमपूजिताय नम:
100, ॐ श्री दिव्यपादाब्जाय नम:
101, ॐ श्री भक्तमंदाराय नम:
102, ॐ श्री शूरमहाय नम:
103, ॐ श्री रत्नसिंहासनाय नम:
104, ॐ श्री मणिकुंड़लमंड़िताय नम:
105, ॐ श्री भक्तकल्याणाय नम:
106, ॐ श्री कल्याणगुरवे नम:
107, ॐ श्री सहस्त्रशीर्ष्णे नम:
108, ॐ श्री महागणपतये नम:
2, ॐ श्री विश्व्वरदाय नम:
3, ॐ श्री विश्वचक्षुषे नम:
4, ॐ श्री जगत्प्रभवे नम:
5, ॐ श्री हिरण्यरुपाय नम:
6, ॐ श्री सर्वात्मने नम:
7, ॐ श्री ज्ञानरूपाय नम:
8, ॐ श्री जगन्मयाय नम:
9, ॐ श्री ऊर्ध्वरेतसे नम:
10, ॐ श्री महाबाहवे नम:
11, ॐ श्री अमेयाय नम:
12, ॐ श्री अमितविक्रमाय नम:
13, ॐ श्री वेदवेद्याय नम
14, ॐ श्री महाकालाय नम:
15, ॐ श्री विद्यानिद्यये नम:
16, ॐ श्री अनामयाय नम:
17, ॐ श्री सर्वज्ञाय नम:
18, ॐ श्री सर्वगाय नम:
19, ॐ श्री गजास्याय नम:
20, ॐ श्री चित्तेश्वराय नम:
21, ॐ श्री विगतज्वराय नम:
22, ॐ श्री विश्वमूर्तये नम:
23, ॐ श्री अमेयात्मने नम:
24, ॐ श्री विश्वाधाराय नम:
25, ॐ श्री सनातनाय नम:
26, ॐ श्री सामगाय नम:
27, ॐ श्री प्रियाय नम:
28, ॐ श्री मंत्रिणे नम:
29, ॐ श्री सत्वाधाराय नम:
30, ॐ श्री सुराधीशाय नम:
31, ॐ श्री समस्तसाक्षिणे नम:
32, ॐ श्री निर्द्वेद्वाय नम:
33, ॐ श्री निर्लोकाय नम:
34, ॐ श्री अमोघविक्रमाय नम:
35, ॐ श्री निर्मलाय नम:
36, ॐ श्री पुण्याय नम:
37, ॐ श्री कामदाय नम:
38, ॐ श्री कांतिदाय नम:
39, ॐ श्री कामरूपिणे नम:
40, ॐ श्री कामपोषिणे नम:
41, ॐ श्री कमलाक्षाय नम:
42, ॐ श्री गजाननाय नम:
43, ॐ श्री सुमुखाय नम:
44, ॐ श्री शर्मदाय नम:
45, ॐ श्री मुषकाधिपवाहनाय नम:
46, ॐ श्री शुद्धाय नम:
47, ॐ श्री दीर्घतुंडाय नम:
48, ॐ श्री श्रीपतये नम:
49, ॐ श्री अनंताय नम:
50, ॐ श्री मोहवर्जिताय नम:
51, ॐ श्री वक्रतुंडाय नम:
52, ॐ श्री शूर्पकर्णाय नम:
53, ॐ श्री परमाय नम:
54, ॐ श्री योगीशाय नम:
55, ॐ श्री योगधाम्रे नम:
56, ॐ श्री उमासुताय नम:
57, ॐ श्री आपद्धंत्रे नम:
58, ॐ श्री एकदंताय नम:
59, ॐ श्री महाग्रीवाय नम:
60, ॐ श्री शरण्याय नम:
61, ॐ श्री सिद्धसेनाय नम:
62, ॐ श्री सिद्धवेदाय नम:
63, ॐ श्री करुणाय नम:
64, ॐ श्री सिद्धाय नम:
65, ॐ श्री भगवते नम:
66, ॐ श्री अव्यग्राय नम:
67, ॐ श्री विकटाय नम:
68, ॐ श्री कपिलाय नम:
69, ॐ श्री ढुंढिराजाय नम:
70, ॐ श्री उग्राय नम:
71, ॐ श्री भीमोदराय नम:
72, ॐ श्री शुभाय नम:
73, ॐ श्री गणाध्यक्षाय नम:
74, ॐ श्री गणेशाय नम:
75, ॐ श्री गणाराध्याय नम:
76, ॐ श्री गणनायकाय नम:
77, ॐ श्री ज्योति:स्वरूपाय नम:
78, ॐ श्री भूतात्मने नम:
79, ॐ श्री धूम्रकेतवे नम:
80, ॐ श्री अनुकूलाय नम:
81, ॐ श्री कुमारगुरवे नम:
82, ॐ श्री आनंदाय नम:
83, ॐ श्री हेरंबाय नम:
84, ॐ श्री वेदस्तुताय नम:
85, ॐ श्री नागयज्ञोपवीतिने नम:
86, ॐ श्री दुर्धषाय नम:
87, ॐ श्री बालदुर्वांकुरप्रियाय नम:
88, ॐ श्री भालचंद्राय नम:
89, ॐ श्री विश्वधात्रे नम:
90, ॐ श्री शिवपुत्राय नम:
91, ॐ श्री विनायकाय नम:
92, ॐ श्री लीलासेविताय नम:
93, ॐ श्री पूर्णाय नम:
94, ॐ श्री परमसुंदराय नम:
95, ॐ श्री विघ्नांधकाराय नम:
96, ॐ श्री सिंधुरवरदाय नम:
97, ॐ श्री नित्याय नम:
98, ॐ श्री विभवे नम:
99, ॐ श्री प्रथमपूजिताय नम:
100, ॐ श्री दिव्यपादाब्जाय नम:
101, ॐ श्री भक्तमंदाराय नम:
102, ॐ श्री शूरमहाय नम:
103, ॐ श्री रत्नसिंहासनाय नम:
104, ॐ श्री मणिकुंड़लमंड़िताय नम:
105, ॐ श्री भक्तकल्याणाय नम:
106, ॐ श्री कल्याणगुरवे नम:
107, ॐ श्री सहस्त्रशीर्ष्णे नम:
108, ॐ श्री महागणपतये नम:
5 comments:
मित्रों।
तीन दिनों तक नेट से बाहर रहा! केवल साइबर कैफे में जाकर मेल चेक किये।
--
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज सोमवार (09-09-2013) को हमारी गुज़ारिश :चर्चा मंच 1363 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
खूबसूरत पोस्ट । गणेश चतुर्थी की आपको भी बधाई और शुभकामनाएं
शुक्रिया शास्त्री जी
शुक्रिया अजय कुमार जी
शुक्रिया अजय कुमार जी
Post a Comment